सिनकोना को आम भाषा में कुनैन कहते हैं।

सिनकोना को 1513 में पेरू की पहाड़ियों में खोजा गया था।

सिनकोना भारत के दक्षिणी इ्लाकों में पाया जाता है।

सिनकोना की तने की छाल और जड़ों की छाल को उपयोग में लाया जाता है

सिनकोना की पत्तियों को भी उपयोग में लिया जाता है।

सिनकोना की छाल का पाउडर बनाया जाता है।

सिनकोना के पाउडर को सीधे दवा के रूप में उपयोग किया जाता है।

सिकोना दवा के टिंक्चर सौलूसन भी बनाये जाते हैं।

गहन अध्यन के बाद इसको इन्फ्यूजन और इंजेक्शन में बदल दिया गया।

सिकोना का इस्तेमाल मलेरिया के उपचार में किया जाता है।

मलेरिया से बचने के लिए मच्छरदानी लगायें।