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Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi बैद्यनाथ त्रिभुवन कीर्ति रस की जानकारी, लाभ, दुष्प्रभाव.

Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi
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परिचय

Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi, त्रिभुवन कीर्ति रस एक क्लासिकल आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग मुख्य रूप से श्वसन संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। यह कई जड़ी बूटियों और खनिजों का एक मिश्रण है जो एक शक्तिशाली दवा बनाने के लिए एक साथ संसाधित होते हैं। त्रिभुवन कीर्ति रस का उपयोग सदियों से आयुर्वेद में खांसी, सर्दी, दमा और ब्रोंकाइटिस सहित विभिन्न श्वसन बीमारियों को कम करने के लिए किया जाता रहा है। इस लेख में हम Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi के संघटन, स्वास्थ्य लाभ और दुष्प्रभावों के बारे में चर्चा करेंगे।

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दवा का नाम (Drug Name)Tribhuvan Kirti Ras
दवा का प्रकार (Drug Type)टेबलेट
रचना (Composition)शुद्ध पारद, शुद्ध गंधक, टंकण भस्म, शुंथि, मारीच, पिप्पली, हरीतकी, बिभीतकी, आमलकी और ताम्र भस्म
निर्माता (Manufacturer)श्री बैद्यनाथ आयुर्वेद भवन प्राइवेट लिमिटेड
उपयोग (Uses)खाँसी, जुकाम, अस्थमा, बुखार और सिर दर्द।
डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शनआवश्यक नहीं
मूल्य (Price)157 MRP

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कम्पोजीशन

त्रिभुवन कीर्ति रस शुद्ध पारद, शुद्ध गंधक, टंकण भस्म, शुंथि, मारीच, पिप्पली, हरीतकी, बिभीतकी, आमलकी और ताम्र भस्म सहित कई जड़ी-बूटियों और खनिजों का एक मिश्रण है। इन सामग्रियों को विशिष्ट अनुपात में मिलाया जाता है और एक शक्तिशाली औषधि बनाने के लिए पारंपरिक आयुर्वेदिक पद्धति का उपयोग करके संसाधित किया जाता है। Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi निम्नलिखित दर्शायें गए हैं।

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Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi

त्रिभुवन कीर्ति रस के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, विशेष रूप से श्वसन संबंधी बीमारियों के लिए। आइए त्रिभुवन कीर्ति रस के कुछ महत्वपूर्ण लाभों पर चर्चा करें।अल्सर हो सकता है। यह पेट की परत को शांत करने में भी मदद करता है, जिससे पेट के अल्सर के कारण होने वाले दर्द और परेशानी से राहत मिलती है। Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi निम्नलिखित दर्शायें गए हैं।

खांसी और जुकाम का इलाज करता है- त्रिभुवन कीर्ति रस खांसी और सर्दी के लिए एक प्रभावी दवा है। यह श्वसन मार्ग को साफ करने में मदद करता है, सूजन को कम करता है और खांसी और सर्दी के लक्षणों से राहत देता है।

अस्थमा और ब्रोंकाइटिस को कम करता है- त्रिभुवन कीर्ति रस अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के इलाज में फायदेमंद है। यह श्वसन तंत्र में सूजन को कम करने में मदद करता है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है। यह श्वसन मार्ग को साफ करने में भी मदद करता है और अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के लक्षणों से राहत देता है।

इम्यून सिस्टम में सुधार करता है- त्रिभुवन कीर्ति रस विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हुए, इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह संक्रमण की गंभीरता और अवधि को कम करने में भी मदद करता है।

बुखार कम करता है- त्रिभुवन कीर्ति रस शरीर के तापमान को कम करके बुखार को कम करने में मदद करता है। यह बुखार के अन्य लक्षणों जैसे सिरदर्द, शरीर में दर्द और थकान से भी राहत देता है।

सिरदर्द का इलाज करता है- त्रिभुवन कीर्ति रस श्वसन बीमारियों के कारण होने वाले सिरदर्द के उपचार में भी लाभकारी है। यह श्वसन तंत्र में सूजन को कम करके सिरदर्द को कम करने में मदद करता है। Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi में पढ़कर खुद से इस्तेमाल न करें। पहले चिकित्सक से सलाह करें।

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दुष्प्रभाव

हालांकि त्रिभुवन कीर्ति रस को स्टैण्डर्ड खुराक में लेने पर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन यह कुछ लोगों में दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है। त्रिभुवन कीर्ति रस के कुछ सामान्य दुष्प्रभावों में शामिल हैं। Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi में पढ़कर खुद से इस्तेमाल न करें। पहले चिकित्सक से सलाह करें।

नौसिया और उल्टी- त्रिभुवन कीर्ति रस कुछ लोगों में मतली और उल्टी पैदा कर सकता है, खासकर अगर खाली पेट लिया जाए।

दस्त- त्रिभुवन कीर्ति रस कुछ लोगों में दस्त का कारण बन सकता है, खासकर अगर अधिक मात्रा में लिया जाए।

एलर्जी- त्रिभुवन कीर्ति रस कुछ लोगों में एलर्जी प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है, खासकर अगर उन्हें दवा में किसी भी सामग्री से एलर्जी हो।

गुर्दे से संबंधित समस्याएं- त्रिभुवन कीर्ति रस की अधिक मात्रा या अधिक समय तक लेने पर कुछ लोगों में किडनी की समस्या हो सकती है।

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उपयोग करने का तरीका

भोजन के बाद त्रिभुवन कीर्ति रस की स्टैण्डर्ड खुराक 125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम दिन में दो बार है। इसे किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में ही लेना चाहिए। स्थिति की गंभीरता और रोगी की उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर खुराक भिन्न हो सकती है। किसी भी प्रतिकूल प्रभाव से बचने के लिए खुराक के निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करें। Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi में पढ़कर खुद से इस्तेमाल न करें। पहले चिकित्सक से सलाह करें।

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साबधानियाँ

त्रिभुवन कीर्ति रस सावधानी के साथ और एक योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में लिया जाना चाहिए। यहाँ कुछ सावधानियाँ और चेतावनियाँ दी गई हैं जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए। Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi में पढ़कर खुद से इस्तेमाल न करें। पहले चिकित्सक से सलाह करें।

  1. त्रिभुवन कीर्ति रस को खाली पेट नहीं लेना चाहिए क्योंकि इससे मतली और उल्टी हो सकती है।
  2. किसी भी प्रतिकूल प्रभाव से बचने के लिए इसे भोजन के बाद लेना चाहिए।
  3. इसे गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं द्वारा तब तक नहीं लिया जाना चाहिए जब तक कि एक योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा निर्धारित न किया गया हो।
  4. इसे 12 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं लेना चाहिए।
  5. किडनी की समस्या वाले लोगों को त्रिभुवन कीर्ति रस लेने से बचना चाहिए या किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में लेना चाहिए।
  6. इसे उच्च मात्रा में नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि इससे प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
  7. इसे धूप से दूर, ठंडी और सूखी जगह पर रखना चाहिए।

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निष्कर्ष

त्रिभुवन कीर्ति रस एक प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं, विशेष रूप से श्वसन संबंधी बीमारियों के लिए। यह कई जड़ी बूटियों और खनिजों का एक मिश्रण है जो एक शक्तिशाली दवा बनाने के लिए एक साथ संसाधित होते हैं। त्रिभुवन कीर्ति रस खांसी, जुकाम, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के इलाज में मदद करता है।

यह बुखार, सिरदर्द पर भी लाभकारी प्रभाव डालता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। हालांकि, किसी भी प्रतिकूल प्रभाव से बचने के लिए त्रिभुवन कीर्ति रस को सावधानी के साथ और एक योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में लिया जाना चाहिए। Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi में पढ़कर खुद से इस्तेमाल न करें। पहले चिकित्सक से सलाह करें।

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